डीमैट अकाउंट क्या है? डीमैट अकाउंट के 10 फायदे
व्हाट इज डीमैट अकाउंट ( What is Demat account in Hindi? ) डीमैट ( DEMAT ) का मतलब होता है, डीमैट अकाउंट (Dematerialization Account ) सेबी के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार,अगर आपको शेयर बाजार से स्टॉक खरीदना या बेचना हो तो आपके पास डीमैट होना जरुरी है।
डीमैट अकाउंट को छोड़कर किसी अन्य रूप में शेयरों को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपको भारत में शेयर बाजार से शेयर खरीदना या बेचना हो तो डीमैट अकाउंट ( DEMAT ) खाता होना अनिवार्य है।
डीमैट अकाउंट में शेयरो की डैबिट तथा क्रेडिट की जाती है
इसके अलावा अगर आपको अपने शेयरों के लिये इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में बिड ( Bid ) करना है तो भी आपके पास डीमैट अकाउंट होना बेहद जरूरी है। डीमैट किसी आम बैंक खाते की तरह हीं काम करता है।
आपके बैंक बैलेंस को जिस तरह से आपके बैंक पास-बुक में इंटर किया जा सकता है, वैसे ही आपके ख़रीदे गये शेयर आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है।
पर आप इन शेयरो को भौतिक रूप में रख नहीं सकते, इसकी सुरक्षा भी इलैक्ट्रॉनिक तरीके से होती है और किसी अन्य बैंक खाते की तरह ही डीमैट एकाउंट में शेयरो की डैबिट तथा क्रेडिट की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
डीमैट अकाउंट पर गौर करें तो एक खाता जहां आप अपने शेयर रख सकते हों और जहाँ उन शेयरों की सुरक्षा इलैक्ट्रॉनिक तरीके से की जाती हो, उसे डीमैट अकाउंट कहते हैं।
इन-पर्सन वैरिफिकेशन (आईपीवी) डिपी द्वारा
डीमैट अकाउंट खोलते समय आवेदक का इन-पर्सन वैरिफिकेशन (आईपीवी) डिपी द्वारा किये जाने का नियम मान्य है।
डीपी के कर्मचारी को अकाउंट ओपनिंग फ़ॉर्म में लगे हुए फ़ोटो ग्राफ साथ ही संबंधित व्यक्ति की पहचान का प्रमाण सत्यापित करके आवेदक (नाबालिग होने पर अभिभावक का) की पहचान को स्थापित करना होता है।
ज्वाइंट अकाउंट होने की स्थिति में, अकाउंट के सभी धारकों के लिए आइपीवी किये जाने का नियम है।
हमारे देश में दो डिपॉजिटरी हैं
डीमैट अकाउंट मीनिंग के अलावा ये भी जान लें कि हमारे देश में दो डिपॉजिटरी हैं – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL), जिनके द्वारा विभिन्न डिपॉजिटरी प्रतिभागियों द्वारा शेयर की खरीद-फरोख्त आयोजित की जाती हैं।
डीमैट अकाउंट मीनिंग के अलावा यह जानना जरूरी है कि, आज के समय में डीमैट अकाउंट सेवाएँ ब्रोकिंग हाउस के साथ-साथ कई अन्य वित्तीय और बैंकिंग संस्थानों द्वारा दी जा रही है। डिपॉज़िटरी सेवाएँ प्रदान करने वाले संस्थानों को डिपॉज़िटरी भागीदार ( Depository Participants ) के रूप में जाना जाता है।
परिभाषा के अनुसार डिपॉज़िटरी भागीदार यानि ( डीपी ) एनएसडीएल NSDL और सीएसडीएल CDSL और निवेशक के बीच एक मध्यस्थ की तरह काम करता है। भारत में करीब 866 रजिस्टर डिपॉज़िटरी भागीदार है।
जिसमे 289 एनएसडीएल NSDL और 577 सीएसडीएल CDSL के साथ रजिस्टर है। जिनका मुख्य कार्य लोगो का डीमैट अकाउंट खोलना होता है।
(डीपी) के साथ डीमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है
इस खाते को खोलने के लिए निवेशक को सेबी से पंजीकृत डिपॉजिटरी पार्टीसिपेंट (डीपी) के साथ डीमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए निवेशक को अकाउंट ओपनिंग फ़ॉर्म भरने के साथ सेबी द्वारा स्वीकृत दस्तावेज़ों की प्रतियाँ, जिसमे पहचान के प्रमाण पत्र, पते के प्रमाण के रूप में दस्तावेज़ जमा करवाना होता है।
अकाउंट खोलते समय मूल पैन कार्ड और सभी आवेदकों को सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज़ लाने की जरुरत भी पड़ती है।
अकाउंट नंबर (क्लाइंट आईडी) प्रदान करता है
डीपी से निवेशकों को अनुबंध की प्रति और शुल्कों की अनुसूची भी प्राप्त होती है। अकाउंट ओपनिंग दस्तावेज़ों को प्रोसेस करने के बाद डीपी आवेदक को अकाउंट नंबर (क्लाइंट आईडी) प्रदान करता है।
डीपी से आवेदक का अकाउंट खुल जाने के बाद, आवेदक क्लाइंट बन जाता/जाती है जिसे बीओ (बेनेफिशियरी ऑनर) के नाम से भी जाना जाता है और उसे आवंटित अकाउंट नंबर बीओ-आईडी (बनेफिशियरी ऑनर आइडेंटिफिकेशन नंबर) कहा जाता है।
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व्हाट इज डीमैट अकाउंट ( What is Demat account in Hindi? ) (इन हिंदी ) समझने के साथ ये भी जान लें कि किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट अकाउंट के साथ भी कई तरह के चार्ज जुड़े होते हैं।
इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए। खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए।
डीमैट अकाउंट शुल्क
डीमैट खाता खोलने के लिए आपको एक निश्चित फीस देनी होती है। यह शुल्क मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित होता है:
- वार्षिक रखरखाव शुल्क
वार्षिक रखरखाव शुल्क यह शुल्क खाते का रखरखाव करने हेतु लिया जाता है।
- संरक्षण शुल्क
संरक्षक शुल्क- यह शुल्क शेयर धारकों को बाज़ार में हो रहे गैर कानूनी कामों से उनके अकाउंट को सुरक्षित रखने के हेतु लिया जाता है।
- लेनदेन शुल्क
यह डीमैट अकाउंट शुल्क ऋण वाली प्रतिभूतियों ( शेयरो ) और खाते से मासिक आधार पर ली जाती है। जबकि कुछ डीपी, प्रति लेनदेन पर स्पष्ट शुल्क लेते हैं अन्य डीपी लेनदेन मूल्य से शुल्क जोड़ते हैं, न्यूनतम राशि के अंतर्गत. शुल्क लेनदेन के प्रकार (खरीदना या बेचना) के आधार पर भी अलग-अलग होते हैं।
इसके अतिरिक्त डीपी शेयर को भौतिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में या इसके विपरीत बदलने के लिए भी शुल्क लगाते है। शुल्क डीमेट और रीमेट अनुरोधों दोनों के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। डीमेट के लिए कुछ डीपी प्रति प्रमाणपत्र परिवर्ती शुल्क के साथ एकमुश्त शुल्क लगाते हैं, जबकि अन्य केवल परिवर्ती शुल्क लगाते हैं
डीमैट अकाउंट खोलने समय काम आने वाले प्रमाण पत्र
पहचान प्रमाण के लिए उपयुक्त:
- पैन कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- पासपोर्ट
- ड्राइवर लाइसेंस
- बैंक सत्यापन
- आईटी रिटर्न
- बिजली/लैंडलाइन फोन का बिल
- आवेदनकर्ता के फ़ोटो वाला आई कार्ड, जो निम्न द्वारा जारी किया गया
- केंद्र/राज्य सरकार और उसके विभाग
- संवैधानिक/विनियामक प्राधिकारी
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
- सार्वजनिक वित्तीय संस्थाएं
विश्वविद्यालय से संबद्द कॉलेज ( इसे तब तक ही मान्य समझा जाएगा जब तक कि आवेदक छात्र हो)
व्यावसायिक निकाय जैसे कि आईसीएआई ,आईसीडब्ल्यूएआई ,आईसीएसआई, बार काउंसिल आदि, द्वारा उनके सदस्यों को जमा करने के लिए केवल दस्तावेज़ो की प्रतिलिपि ही आवश्यक होती है, लेकिन सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है।
आवेदक को डीमैट अकाउंट खोलने के फ़ॉर्म के साथ एक पासपोर्ट आकार का फ़ोटो भी देना होता है।
डीमैट अकाउंट के 10 फायदे जिसे आपको जरूर जानना चाहिये (Demat Account Features)
1. आप कम से कम एक शेयर भी बेच सकते हैं
पहले शेयर्स को बेचना मुश्किल काम था, आपको एक ग्रुप में ही शेयर्स को बेचना होता था। साथ ही आप विषम संख्या जैसे – 27 आदि में शेयर को नहीं बेच सकते थे; लेकिन अब ऐसा नहीं है। डीमैट अकाउंट के जरिए आप 1 शेयर को भी आसानी से बेच सकते हैं।
आपके डीमैट अकाउंट में जमा शेयरो के अधीन आप लोन भी ले सकते है। जो कंपनी के द्वारा आपके ELIGIBILITY के हिसाब से तुरंत ही क्रेडिट भी किया जा सकता है। शेयरो के बिक्री होने पर आप तुरंत ही प्राप्त धन को अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकते है।
ये सब सुविधा आपके डीमैट अकाउंट होने के कारण ही हो पाता है। Demat account features में यह सबसे बड़ा फायदा होता हैं।
2. शेयरों को तत्काल ही ट्रांसफर किया जा सकता है।
पहले, शेयर्स को ट्रांसफर करने के लिए कम्पनी या रजिस्ट्रार के पास भेजे जाते थे, जिसमें महीनों का समय लग जाता था और बहुत बार ये गायब भी हो जाते थे।
लेकिन अब ऐसा नहीं है, आप तुरंत ही इन्हें ट्रांसफर कर सकते हैं। Demat account features से ही सब संभव हो पाया है।
3. सेक्युरिटी के ट्रांसफर पर कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं
जब एक बार सिक्योरिटी ट्रांसजेक्शन टैक्स या प्रतिभूति विनिमय कर ( शेयर ट्रांजेक्शन फ्री ) का भुगतान कर दिया जाता है, तो शेयर ट्रांसफर स्टाम्प को भौतिक रूप से खरीदने की जरूरत नहीं रह जाती है और न ही पहले की तरह प्रमाणपत्र के नीचे चिपकाना पड़ता है।
यह प्रक्रिया उस समय अनिवार्य थी जब डीमैट अकाउंट नहीं हुआ करते थे। लेकिन अब आप डीमैट अकाउंट खुलवाकर इन परेशानियों से बच सकते हैं।
4. चोरी या डकैती की कोई संभावना नहीं
डीमैट अकाउंट के माध्यम से शेयरों को खरीदने के बाद चोरी की संभावना नहीं रह जाती है। उनके चोरी हो जाने या लूट होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है क्योंकि सारे शेयर्स इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं।
ऐसा कोई ख़तरा न होने की वजह से ये सुरक्षित रहते हैं और आप इन शेयरो तक एक्सेस कहीं से भी कर सकते हैं।
5. एकल खाते से संचालित करना
आपको बॉन्ड, एनसीडी, कर मुक्त बॉन्ड, शेयरो की खरीद बिक्री, फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेड, आईपीओ आदि की खरीदने तथा बेचने के लिए एक अलग डीमैट अकाउंट खोलने की जरूरत नहीं है। अब आप अपने डीमैट अकाउंट के शेयर को कुछ दिनों तक फ्रीज भी कर सकते है तथा अपने डीमैट अकाउंट को भी फ्रीज कर सकते है।
जिससे आपको कुछ चार्जेज का बचत प्राप्त हो जाता है। इसके आलावा उस डीमैट अकाउंट से पैसे का लेन देन को रोका जा सकता है।
6. बोनस और राइट शेयर्स
शीघ्र ही बोनस शेयर को जमा किया जा सकता है और राइट शेयर्स को क्रेडिटेड भी कर सकते हैं। इसमें प्रमाणपत्र के लिए प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होती है।
7. छोटी-छोटी बचत
डीमैट अकाउंट खुलवाने से कई प्रकार की छोटी-छोटी बचत हो जाती है। जैसे – पंजीकरण में, व्यवहारिक मेल-मिलाप में आदि। इस प्रकार डीमैट खुलवाना भी बहुत ही आसान है। कई एजेंट घर बैठे आपका खाता खुलवा देते हैं, बस आप सावधान रहें और उस कंपनी के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही डीमैट अकाउंट खुलवाएं।
इसके लिए अब आप बिना किसी हिचक के UPSTOX में खाता खुलवा सकते है वो भी ऑनलाइन अपने घर बैठे। ये इण्डिया का न. ONE कंपनी है और इन्हे रतन टाटा सर का सपोर्ट भी है।
8. अब आप मनोनीत भी कर सकते हैं
जब आप डीमैट Account खोलें तो व्यक्तिगत रूप से मनोनित कर सकते हैं। ऐसा पहले संभव नहीं था जब शेयर प्रमाणपत्र हुआ करते थे। ये कुछ डीमैट के फायदे हैं।
9. खाता धारको के शेयरो तक आसान पहुँच
डीमैट Account धारक बहुत ही आसानी से अपने ख़रीदे गये शेयरो को बहुत ही आसानी से दुनिया में कही से भी अपने इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से देख सकते है। कोई चाहे तो अपने स्मार्ट फोन ,लैपटॉप डेस्कटॉप तथा अपने टैब से वे आसानी से अपना खाता में पड़े शेयर देख सकते है।
अब तो खाता धारक अपने एंड्राइड फोन से एक छोटा एप्लीकेशन एक्टिवेट करके शेयर तक पहुंच सकते है। तथा इसी एप्लीकेशन से शेयर की खरीद बिक्री कर सकते है।
इसी कड़ी में मै आपको बताना चाहता हूँ की आप केवल अप्लीकेशन के माध्यम से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते है और इस कंपनी को रतन टाटा सर का मेंटरशिप प्राप्त है। इंडिया का न. वन डिपॉजिटरी पार्टीसिपेंट का गौरव प्राप्त है। UPSTOX में अब अपना डीमैट खुलवा सकते है।
UPSTOX का बेहतरीन एंड्राइड तथा IPHONE एप्लीकेशन है जिससे आप बहुत ही आसानी से शेयर मार्केट में खरीद बिक्री कर सकते है। UPSTOX का एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिये यहाँ क्लिक करें।
10. अब बिलकुल डीमैट अकाउंट के माध्यम से मिनटों में हो जाता है
शेयर धारकों को अब बड़ी ही आसानी से उनके डिविडेंट, व्याज तथा रीफंडस उनके अकाउंट में क्रेडिट किया जा सकता है। इसके लिये उन्हें महीनो तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। पहले इस प्रकिया में बहुत समय लगता था जो अब बिलकुल डीमैट के माध्यम से मिनटों में हो जाता है।
इसके आलावा कंपनी के द्वारा दिया जाने वाला बोनस शेयर,राइट्स ,पब्लिक राइट्स तथा स्पलिट शेयर को अब आसानी से उनके डीमैट अकाउंट में कंपनी द्वारा क्रेडिट किया जा सकता है।
हमें आशा है कि हमने डीमैट से जुड़े आपके सवालों के जवाब हमने विस्तार पूर्वक देने का भरपूर कोशिश किया है। जो आपको अधिक फायदा देगा। आप इस पोस्ट को शेयर करना बिल्कुल ना भूलेंगे।