भारत तकनीक के क्षेत्र में हमेशा से नए कीर्तिमान रचता रहा है। आईटी सेक्टर में भारत का दबदबा रहा है। दुनिया की शीर्ष टेक्नॉलजी कंपनियों में भारतीयों की उपस्थिति इस बात की गवाह है। हालांकि उचित संसाधनों के बगैर तकनीक को आगे बढ़ा पाना संभव नहीं है। इसीलिए हमारे छात्रों को नए उपकरणों और नई तकनीक की जरूरत पड़ती रहती है। इस कमी को पूरा करने के लिए आईआईटी बीएचयू कैंपस में एक शक्तिशाली Param Shivay Super Computer स्थापित किया है।
833 टेराफ्लॉप क्षमता वाली इस शक्तिशाली मशीन से कई नवीनतम शोधों को जल्द पूरा किया जा सकेगा। भारत केे Param Shivay Super Computer में एक पेटाबाइट सेकेंडरी स्टोरेज दी गई है, साथ ही इसमें ओपन सोर्स सिस्टर मौजूद है और 223 प्रोसेसर नोड्स 384 जीबी प्रति नोड्स DDR4 RAM, पैरलल फाइल सिस्टम समेत सीपीयू और जीपीयू शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को अपने वाराणसी दौरे पर आईआईटी बीएचयू में 19 फरवरी 19 को इस Param Shivay Super Computer का लोकार्पण किया। यह सुपर कंप्यूटर पूरी तरह से भारत में ही मेक इन इंडिया पहल के तहत तैयार हुआ है। इसे बनाने में लगभग 32.5 करोड़ रुपये की लागत आई।
डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मशीन (NSM) के तहत यह सुविधा आईआईटी बीएचयू में शुरू की गई है। आईआईटी- BHU के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि सेंटर फॉर डिवलेपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने एनएसएम (National Supercomputer Mission) NSM श्रृंखला के तहत 833 टेराफ्लॉप क्षमता का प्रथम Param Shivay Super Computer को बनाया गया है।
NSM भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह योजना भारत सरकार की डिजिटल इंडिया तथा मेक इन इंडिया को सपोर्ट करेगा। NSM योजना भारत को सुपर कंप्यूटर के मामले में दुनिया में एक इम्पोर्टेन्ट रोल अदा करेगा तथा विश्व में सुपर कंप्यूटर के मामले में सबसे आगे लीड करेगा। भारतीय रिसर्चर को इससे काफी फायदा होगा जो उन्हें गणना करने में महीनो लगते थे वही काम उन्हें करने में घंटा या मिनट में होगा।
Param Shivay Super Computer की मदद से मौसम की भविष्यवाणी, स्पेस इंजीनियरिंग, भूकंप की पहचान, फाइनैंशियल क्राइसिस और डेटा कलेक्शन जैसी चीजों में किया जा सकेगा। इसे आईआईटी के स्टूडेंट्स और रिसर्चरों के साथ ही आसपास के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी सुलभ बनाया जाएगा। यह सुपर कंप्यूटर 1 पेटा बाइट सेकेंड्री स्टोरेज सिस्टम से लैस है। जो कि ओपन सोर्स सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर की मदद से चलेगा। भारत का पहला सुपर कंप्यूटर परम-8000 था जिसे 1991 में लॉन्च किया गया था।
नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का दौरा किया। उन्होंने वाराणसी घाटों के भित्तिचित्रों के साथ पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा का अनावरण किया। मोदी ने पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल और भाभा कैंसर अस्पताल लहर तारा का उद्घाटन किया। ये अस्पताल उत्तर प्रदेश और आस-पास के राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध करायेंगे।
प्रधानमंत्री ने उच्च प्रौद्योगिकी से युक्त पहले न्यू भाभाट्रोन को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने डे केयर यूनिट और ओपीडी का दौरा किया और मरीजों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने आईआईटी बीएचयू के 100 वर्ष पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
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