ETF - Exchange Traded Fund

ईटीएफ क्या होता हैं, नये निवेशकों के लिये क्यों है फायदेमंद

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ईटीएफ क्या होता हैं, नये निवेशकों के लिये क्यों है फायदेमंद

ईटीएफ ( ETF ) की पेशकश पहले एनएफओ के रूप में होती है। एनएफओ किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की नई स्कीम होती है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) निवेश के कई विकल्पों में से एक है।

कई निवेशक ईटीएफ के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। इस वजह से वे इसमें निवेश के बारे में नहीं सोचते हैं। हम यहां ईटीएफ के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। जो लोग शेयर बाजार में बिल्कुल नये है उनके लिये इसमें निवेश करके अच्छा रिटर्न कमा सकते है।

ETF Kya Hota Hai

क्योकि ये फंड भारत के निफ्टी तथा शेयर बाजार के सेंसेक्स के साथ जुड़ा रहता है। इसमें जब आप लम्बे समय के लिए पैसा निवेश करते है तो ये इंडिया के निफ़्टी या सेंसेक्स के बढ़ने के रेश्यो के अनुसार बढ़ता है।

इस ETF फण्ड के द्वारा आपका पैसा भी भारत के तथा निफ़्टी के टॉप फिफ्टी या सेंसेक्स के टॉप  30 शेयरों में आपका पैसा इनवेस्टेड होता है। क्योकि भारत के कुल शेयर मार्केट के लगभग 51 प्रतिशत मार्केट कैप इन्ही टॉप फिफ्टी कंपनियों का है। भारत के इंडेक्स लगभग 15 प्रतिशत वार्षिक के दर से बढ़ रहा है।

आप का निवेश भी मिनियम 15 प्रतिशत के दर से बढ़ रहा होता है। 

ईटीएफ म्यूचुअल फंड जैसे होते हैं।

लेकिन, दोनों में बड़ा अंतर यह है कि ईटीएफ को केवल स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है। जिस तरह आप शेयरों को खरीदते हैं। ठीक वैसे ही आप एक्सचेंज के कारोबारी घंटों के दौरान ईटीएफ को खरीद सकते हैं।

लेकिन इसमें निवेश करने के लिये आपके पास एक डीमैट एकाउंट होना आवश्यक है। नहीं है तो आप यहाँ से आसानी से अपने मोबाइल के द्वारा ही डीमैट एकाउंट खुलवा सकते है वो भी बिल्कुल फ्री में। 

इसी कड़ी में मै आपको बताना चाहता हूँ की आप केवल अप्लीकेशन के माध्यम से अपना डीमैट  अकाउंट खुलवा सकते है और इस कंपनी को रतन टाटा सर का मेंटरशिप प्राप्त है। इंडिया का न.  वन डिपॉजिटरी पार्टीसिपेंट का गौरव प्राप्त है। UPSTOX में अब अपना डीमैट खाता खुलवा सकते है।

UPSTOX का बेहतरीन एंड्राइड तथा IPHONE एप्लीकेशन है जिससे आप बहुत ही आसानी से शेयर मार्केट में खरीद बिक्री कर सकते है। UPSTOX का एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिये यहाँ क्लिक करें। 

कितना मिलता है रिटर्न?

ईटीएफ के पोर्टफोलियो में तमाम तरह की शेयर होती हैं।  इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है। ये शेयर बाजार पर लिस्ट होते हैं। वहां इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। भारत के इंडेक्स लगभग 15 प्रतिशत वार्षिक के दर से बढ़ रहा है। आप का निवेश भी मिनियम 15 प्रतिशत के दर से बढ़ रहा होता है। 

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कैसे काम करता है ईटीएफ?

जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं। ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है। यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। 

कैसे होती है खरीद-बिक्री?

ईटीएफ की पेशकश पहले एनएफओ (NFO) के रूप में होती है। फिर ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं। एनएफओ (NFO) किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) की नई स्कीम होती है। इसके जरिये कोई म्यूचुअल फंड कंपनी शेयरों, सरकारी बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने के लिए निवेशकों से पैसे जुटाती है।

ट्रेडिंग पोर्टल या स्टॉक ब्रोकर के जरिये शेयर बाजार SE ईटीएफ (ETF) की खरीद-फरोख्त होती है।

कीमतों का कैसे पता लगता है?

ईटीएफ के मूल्य वास्तविक समय में पता चल जाते हैं। यानी लेनदेन के समय ही इनके दामों का भी पता लग जाता है। जबकि म्यूचुअल फंडों के एनएवी के साथ यह नहीं होता है। एनएवी का कैलकुलेशन दिन के अंत में होता है। 

निष्कर्ष – क्‍यों निवेश करना चाहिए?

ईटीएफ पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का किफायती और कारगर विकल्प हैं। कारण है कि ये तमाम इंडेक्स, सेक्टर, देश और एसेट क्लास को कवर करते हैं। जैसे आप अपने अनुसार बैंक, आईटी, FMCG, कमोडिटी ,ऑटो ,स्मॉल कैप कम्पनी , लार्ज कैप कंपनी ,निफ़्टी के टॉप फिफ्टी कंपनी या निफ़्टी के टॉप फिफ्टी के बाद के फिफ्टी कंपनी में आप निवेश को चुन सकते है।

ETF के द्वारा यहाँ तक की अमेरिका के इंडेक्स फण्ड में भी निवेश कर सकते है। बाजार में इसका भी रेडीमेड पोर्टफोलियो अवेलेबल है। न्यूयोर्क स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स नैस्डेक के टॉप शेयर में ETF के द्वारा निवेश कर सकते है। 

म्युचअल फण्ड को AMC के द्वारा काफी ज्यादा ही प्रचार प्रसार किया जाता है। जिससे इसका एक्सपेंस रेश्यो म्युचअल फण्ड का १ से 3 प्रतिशत तक होता है। लेकिन ETF का एक्सपेंस रेश्यो आधा प्रतिशत या इससे भी कम होता है।

जिससे की लॉन्ग टर्म में आपका ज्यादा फायदा मिलता है। आप ऐसे समझ सकते है की यदि आपका म्युचअल फण्ड का ग्रोथ रेट 15 प्रतिशत का है लेकिन इसके एक्सपेंस रेश्यो 3 प्रतिशत है तो आपको 15 -3 = 12 प्रतिशत का ही ग्रोथ मिलेगा क्यों की 3 प्रतिशत आपका एक्सपेंस रेश्यो में कट जायेगा। 

हमें आशा है कि हमने ETF से जुड़े आपके सवालों के जवाब हमने विस्तार पूर्वक देने का भरपूर कोशिश किया है। जो आपको अधिक फायदा देगा। आप इस पोस्ट को शेयर करना बिल्कुल ना भूलेंगे।

SK sinha

हेलो दोस्तों, मेरा नाम एस. के. सिन्हा है. मुझे ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग तथा कर्रेंट न्यूज़ के बारे में पढ़ना और लोगो को बताना पसंद है. किसी नॉलेज का सबसे अच्छा इस्तेमाल यही है की उसे सीखो और दुसरो तक पंहुचा दो. हम यह यही करेंगे. अब जैसे जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है वैसे ही इंडिया भी डिजिटल होता जा रहा है. तो हम भी कुछ सीखेंगे कुछ सिखाएगे, इंडिया को थोड़ा और डिजिटल तथा युवाओ को ससकत बनायगे.

Tags: Diffrence Between ETF And Mutual Fund ETF - Exchange Traded Fund ETF Expense Ratio ETF Kya Hota Hai ETF Me Nivesh Kaise Kare

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